एक सांसद कित्ता भारी
जो लोग वादा कर रहे थे अब वे लोग संसद कैंटीन की सब्सिडी खत्म होने पर अपनी गैस सब्सिडी नही लूंगा के वादे को पूरा करने के लिये तैयार हो जाएंगे । संसद की कैंटीन में मिलने वाला सब्सिडी का सस्ता खाना जल्द ही बंद किया जा सकता है। ये खाना सांसदों और संसद भवन में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को बाहर मिलने वाले खाने की तुलना में काफी कम कीमत में मिलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर सभी दलों के बड़े नेताओं को सलाह-मश्विरा करने की सलाह दी है। अगर विपक्ष के साथ इस मुद्दे पर कोई राय बनती है तो संसद की कैंटीन के खाने में मिलने वाली सब्सिडी हटाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी कैंटिन के खाने से सब्सिडी हटाने के लिए राजी हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सभी बीजेपी सांसद इस सब्सिडी को हटाए जाने के पक्ष में है।
गौर हो कि संसद की कैंटीन में सांसदों की एक महीने की सैलरी 1.4 लाख की होने के बावजूद उन्हें संसद की कैंटीन में मिलने वाले खाने बड़ी छूट मिलती है। इतना कि एक मसाला डोसा के लिए उन्हें सिर्फ 6 रुपये, एक प्लेट मटन के लिए 20 रुपये, वेजिटेबल स्टियू 4 रुपये, चावल 4 रुपये और मटन बिरयानी 41 रुपये की मिलती है। यहां खाने की कीमत अंतिम बार साल 2010 में संशोधित की गई थी लेकिन पिछले महीने एक आरटीआई में सूचना मांगे जाने पर ये पता चला कि संसद की इस कैंटीन को पिछले पांच सालों में 60.7 करोड़ की सब्सिडी मिली है। इसके तुरंत बाद इस सब्सिडी को हटाए जाने की मांग तेज होने लगी है। कुछ राजनेताओं के एक वर्ग ने इसे अवांछित विशेषाधिकार बताते हुए इसे जल्द से जल्द हटाए जाने की मांग की।
ये मांग तब और तेज हो गई जब पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की, अगर उनके बस में हो तो वे गैस सब्सिडी छोड़ दें। यहाँ सभी तेल कम्पनियों ने भी अपनी कम्पनी के व्योरे में बताया है की अब तक पूरे देश में 80 हजार से ज्यादा लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी है जो की आप तेल कम्पनियो की वेव साईट पर व्योरे का विवरण देख सकते है।
पिछले हफ्ते ही एक सांसद ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखकर कहा कि, 'जनता का सांसदों के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए ज़रुरी है कि इस सब्सिडी को हटा लिया जाए। पीएम मोदी के आग्रह पर जिस तरह से लोगों ने आगे बढ़कर 80 हजार लोगों ने कुकिंग गैस छोड़ने की पहल की है वो स्वागत योग्य है, इसी तर्क के अंतर्गत मुझे लगता है कि हम सांसदों को भी अपनी संसद फूड सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए।'
साथ ही सांसदों से संसद में उनकी कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को समाप्त करने की अपील करते हुए एक ऑनलाइन याचिका जारी की गयी है। संसद भवन परिसर समिति में खाद्य प्रबंधन के अध्यक्ष ए पी जितेंद्र रेड्डी से सब्सिडी समाप्त करने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सांसद ने भी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर सब्सिडी समाप्त करने की मांग की है। सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कहा था कि सब्सिडी और खाद्य पदार्थों और सेवा की गुणवत्ता के मुद्दे पर संसदीय कैंटीन समिति और प्रेस गैलरी समिति समेत सभी पक्षों के साथ संवाद के माध्यम से ध्यान दिया जा रहा है। इसी सत्र में संसद कैंटीन की सब्सिडी बंद की जा सकती है।
पिछले हफ्ते ही एक सांसद ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखकर कहा कि, 'जनता का सांसदों के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए ज़रुरी है कि इस सब्सिडी को हटा लिया जाए। पीएम मोदी के आग्रह पर जिस तरह से लोगों ने आगे बढ़कर 80 हजार लोगों ने कुकिंग गैस छोड़ने की पहल की है वो स्वागत योग्य है, इसी तर्क के अंतर्गत मुझे लगता है कि हम सांसदों को भी अपनी संसद फूड सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए।'
साथ ही सांसदों से संसद में उनकी कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को समाप्त करने की अपील करते हुए एक ऑनलाइन याचिका जारी की गयी है। संसद भवन परिसर समिति में खाद्य प्रबंधन के अध्यक्ष ए पी जितेंद्र रेड्डी से सब्सिडी समाप्त करने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सांसद ने भी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर सब्सिडी समाप्त करने की मांग की है। सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कहा था कि सब्सिडी और खाद्य पदार्थों और सेवा की गुणवत्ता के मुद्दे पर संसदीय कैंटीन समिति और प्रेस गैलरी समिति समेत सभी पक्षों के साथ संवाद के माध्यम से ध्यान दिया जा रहा है। इसी सत्र में संसद कैंटीन की सब्सिडी बंद की जा सकती है।
• नरेन्द्र कुमार कुमावत/फ़ेसबुक
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सांसदों को प्राप्त वेतन-सुविधाएं
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