शिकायत बोल

शिकायत बोल
ऐसा कौन होगा जिसे किसी से कभी कोई शिकायत न हो। शिकायत या शिकायतें होना सामान्य और स्वाभाविक बात है जो हमारी दिनचर्या का हिस्सा है। हम कहीं जाएं या कोई काम करें अपनों से या गैरों से कोई न कोई शिकायत हो ही जाती है-छोटी या बड़ी, सहनीय या असहनीय। अपनों से, गैरों से या फ़िर खरीदे गये उत्पादों, कम्पनियों, विभिन्न सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की सेवाओं, लोगों के व्यवहार-आदतों, सरकार-प्रशासन से कोई शिकायत हो तो उसे/उन्हें इस मंच शिकायत बोल पर रखिए। शिकायत अवश्य कीजिए, चुप मत बैठिए। आपको किसी भी प्रकार की किसी से कोई शिकायत हो तोर उसे आप औरों के सामने शिकायत बोल में रखिए। इसका कम या अधिक, असर अवश्य पड़ता है। लोगों को जागरूक और सावधान होने में सहायता मिलती है। विभिन्न मामलों में सुधार की आशा भी रहती है। अपनी बात संक्षेप में संयत और सरल बोलचाल की भाषा में हिन्दी यूनीकोड, हिन्दी (कृतिदेव फ़ोन्ट) या रोमन में लिखकर भेजिए। आवश्यक हो तो सम्बधित फ़ोटो, चित्र या दस्तावेज जेपीजी फ़ार्मेट में साथ ही भेजिए।
इस शिकायत बोल मंच के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बताएं।
ई-मेल: शिकायत बोल
shikayatbol@gmail.com
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मंगलवार, 15 मार्च 2011

दामाद

देश का दामाद

कौन है रॉबर्ट वडेरा, है कौन जो इसे जांच से छोड़ा
जाता है (देखें क्रम संख्या २३ और ३१)
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मंगलवार, 8 मार्च 2011

राष्ट्रीय चिन्ह

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुआ ऐसा
दैनिक जागरण में छपा एक समाचार, सौजन्य: नीरज दीवान

यहां क्लिक करें और मुस्कानदूत देखें

सोमवार, 7 मार्च 2011

मोलभाव

दस का चीनी माल 95 में 













मैंने हाल ही में चीन निर्मित आपात्कालीन एलईडी लाइट 95 रुपये में खरीदी। जबकि उसके डिब्बे पर अधिकतम खुदरा मूल्य 10 रुपये छपा हुआ है। इस सामान की रसीद भी नहीं दी जाती। इस तरह मूल्य 10 रुपये छापकर 95 रुपये में सामान बेचना जारी है और हमारी सरकार विज्ञापन देकर लोगों को अधिकतम खुदरा मूल्य पर दुकानदार से मोलभाव करने की सलाह देती है। इस तरह सामान बेचने के पीछे सम्भव है कोई बड़ी आर्थिक गड़बड़ी छिपी हो।
• वरुण
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