शिकायत बोल

शिकायत बोल
ऐसा कौन होगा जिसे किसी से कभी कोई शिकायत न हो। शिकायत या शिकायतें होना सामान्य और स्वाभाविक बात है जो हमारी दिनचर्या का हिस्सा है। हम कहीं जाएं या कोई काम करें अपनों से या गैरों से कोई न कोई शिकायत हो ही जाती है-छोटी या बड़ी, सहनीय या असहनीय। अपनों से, गैरों से या फ़िर खरीदे गये उत्पादों, कम्पनियों, विभिन्न सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की सेवाओं, लोगों के व्यवहार-आदतों, सरकार-प्रशासन से कोई शिकायत हो तो उसे/उन्हें इस मंच शिकायत बोल पर रखिए। शिकायत अवश्य कीजिए, चुप मत बैठिए। आपको किसी भी प्रकार की किसी से कोई शिकायत हो तोर उसे आप औरों के सामने शिकायत बोल में रखिए। इसका कम या अधिक, असर अवश्य पड़ता है। लोगों को जागरूक और सावधान होने में सहायता मिलती है। विभिन्न मामलों में सुधार की आशा भी रहती है। अपनी बात संक्षेप में संयत और सरल बोलचाल की भाषा में हिन्दी यूनीकोड, हिन्दी (कृतिदेव फ़ोन्ट) या रोमन में लिखकर भेजिए। आवश्यक हो तो सम्बधित फ़ोटो, चित्र या दस्तावेज जेपीजी फ़ार्मेट में साथ ही भेजिए।
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बुधवार, 18 दिसंबर 2013

नामकरण

हत्यारे और बलात्कारियों के नाम पर  हैं कई शहरों के नाम
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आज भी कई शहरों के नाम अंग्रेजों के उन क्रूर अधिकारियों के नाम रखे हुए हैं जिन्होंने भारत की अनेक माँ-बहनों के साथ बलात्कार किेए, किसानों को बेघर किया, हमारी संस्कृति को कमजोर किया, हमारी संपदा को लूटा जैसे लेंड्स डाउन (उतराखंड ), मक्लीयोड गंज, डलहोजी (हिमाचाल प्रदेश ), वास्को डी गामा (गोवा ) आदि।
आश्चर्य की बात यह है कि जो पार्टी अपने आप को राष्ट्रवादी पार्टी कहती है उसके शासन ने भी इन राज्यों इन नामों को बदला नहीं हैं।
अब आप ही बताइए हम किसका भरोसा करें। हमारी लड़ाई तो इस देश में कोई नहीं लड़ रहा है। हम तो अकेले पड़ गये हैं। आजकल जो अकेले रह गए हैं वो ही सनातनी कहलाते हैं।
नोट : फोटो में डलहोजी और मेक्लिओद गंज हिमाचल प्रदेश में हैं।
जो राष्ट्र आजादी के बाद अपने अस्तित्व और स्वाभिमान के लड़ाई नहीं लडेगा वो किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता है।
- महामना राजीव दीक्षित
स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ
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