शिकायत बोल

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गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

बिजली गॉन, मीटर ऑन

बीएसईएस की कारगुजारी 
बिजली का कनेक्शन काटते समय मीटर की रीडिंग ४४७ यूनिट थी। २ दिन बाद अचानक सूबे सिंह की नज़र मीटर पर पड़ी तो उनके होश उड़ गये। बिना बिजली कनेक्शन के मीटर दौड़ रहा था और उसमें रीडिंग १२५७ थी। उन्होंने अपने इष्ट-मित्र-पड़ोसियों को बुलाकर यह करामात दिखाई। सभी यह देख आश्चर्यचकित और आक्रोषित थे। 
निजी बिजली कम्पनी बीएसईएस (मालिक अम्बानी) के ऊपर दिल्ली की मुख्य मन्त्री श्रीमती शीला दीक्षित की असीम कृपा है। खुलेआम इस कम्पनी का वे पक्ष लेती हैं। तेज दौड़ते बिजली के मीटरों से लोग लम्बे समय से परेशान हैं। मनमाने बिलों से परेशान हैं। पर राहत की बजाय लोगों के हाथ सिर्फ़ परेशानियां ही आती हैं।





पिछले दिनों बिजली का बिल समय पर जमा न कर पाने के कारण दिल्ली के नजफ़गढ़ क्षेत्र के गांव खड़खड़ी रोंद निवासी सूबे सिंह के घर का कनेक्शन काट दिया गया। बिजली का कनेक्शन काटते समय मीटर की रीडिंग ४४७ यूनिट थी। २ दिन बाद अचानक सूबे सिंह की नज़र मीटर पर पड़ी तो उनके होश उड़ गये। बिना बिजली कनेक्शन के मीटर दौड़ रहा था और उसमें रीडिंग १२५७ थी। उन्होंने अपने इष्ट-मित्र-पड़ोसियों को बुलाकर यह करामात दिखाई। सभी यह देख आश्चर्यचकित और आक्रोषित थे।
वे तत्काल इस मामले की शिकायत करने ३ बार उजवा और नजफ़गढ़ दफ़्तर गये। किसी बिजली अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी। मीटर की जांच के लिए पहले ५० रुपये शुल्क जमा कराकर शिकायत करने को  को कहा गया। सूबे सिंह ने अनेक परेशानियां झेलते हुए बिजली दफ़्तर के अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया। फ़िर उन्हें बिजली के बिल की बकाया राशि २३०० रुपये भी जमा कराने को कहा गया। वह भी उन्होंने जमा करा दी। इसके बाद बिजली अधिकारी उनके घर गये और दिया गया विवरण सही पाकर तत्काल मीटर बदलने का पर्चा काट दिया। सूबे सिंह के घर का दो दिन जमकर चला बिजली का फ़िलहाल बन्द है। पर बिजली का दोषयुक्त यह मीटर ये पंक्तियां लिखे जाने तक यानी आज २० अक्टूबर २०११ तक भी नहीं बदला गया है।
यही है जनसेवा करने वाली सरकार के तमाम कामों का एक नमूना।
• सुरेश त्रेहान
नाहरगढ़ साप्ताहिक, नयी दिल्ली



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