सवाल ही सवाल हैं भाजपा के लिए
भारतीय जनता पार्टी के नेता सदस्यता के बाद अब महासंपर्क अभियान शुरू कर रहे हैं। यूपी में उनका लगभग 1.44 लाख सदस्यों से मिलने का लक्ष्य है। इस वृहद संवाद अभियान में जो प्रश्न उनका इंतजार कर रहे हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
(1) कश्मीर में मुफ्ती की सरकार क्यों जरूरी थी? (2) स्विट्जर लैंड से जब पैसे ला नहीं सकते थे तो सौ दिन में इसे लौटाने का दावा करते क्यों घूम रहे हो, वह भी सौ दिन में! (3) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से संबधित फाइलों में ऐसे क्या राज हैं जिनके आगेे प्रचंड बहुमत वाली मोदी सरकार भी बौनी साबित हो रही है? (4) पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के अभियान के नाम पर क्यों करोडों रुपये खर्च कर विद्या बालन जैसी लोकप्रिय कलाकार का दुरुपयोग कर रहे हो। 'क्यों कि काकी को फटकारने 'और मक्खियों से बतियाने वाली इस हीरोइन को क्या मालूम कि शौंचालय में सही बने सीवर सिस्टम में पहुच सके तभी गंदगी दूर होती है अन्यथा घर में बना शौंचालय साफ रखना कितना मुश्किल होता है। बैहतर हो हीरोइन, काकी और मक्खियों के बीच होने वाले इस करोडों के खर्चीले संवाद को बन्द कर पीएम श्री नरेन्द्र मोदी देश भर के मेयरों और नगर निगमों के नगरायुक्तो या पार्षदों से सीधा संवाद करें। जेएनयूआरएम योजना को बन्द कर भाजपा सरकार ने सीवरीकरण के विस्तार को रुकवा दिया है। आगरा में ही केवल 45 प्रतिशत क्षेत्र ही सीवरीकृत है। (4) नये खुले करोडों खातों में से अस्सी प्रतिशत असंचालित क्यों हैं। कई के खुलने के बाद एक भी ट्रांजैक्शन नहीं हुआ। क्या यह हमारी माईक्रो इकनामी की जड़ता का प्रतीक नहीं है। (5) कुकिंग गैस वितरक कांग्रेस के शासन में ही एकाधिकारी जागीरदार की स्थिति मेंं थे अब और भी क्रूर हो गये हैं। तेल कंपनियां इनके विरुद्ध की गयी शिकायतों को नहीं सुनतीं। रेल को भैय्या पब्लिक की ही रहेने दो। 'प्रभु' की कृपा केवल रिजर्वेशन वालों तक ही है, दूसरे दर्जे का अनारक्षित (जनरल कोच) की बदहाली और बढी़ है। (6) मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि बढाने से ट्रेफिक की सहूलियत और प्रदूषण तो घटा नहीं आमजनता परेशानियां ही बढ गयी हैं। चौराहों के मैनेजर जहां पूर्व में सौ दो सौ में ही 'डिस्प्यूट सैटिलमेंट' कर देते थे। अब वे पांच हजार से शुरू होने वाले 'फाइन स्लैब' को दिखा कर ढाई तीन से कम पर बात नहीं करते। स्कोप और मार्जिन बढ जाने से चौराहे के 'आफीशियल मैनेजर' ईमानदार हो गये है लेनदेन की प्रोसेसिंग का सारा काम पैरासाइट प्रोक्सी सिस्टम कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता सदस्यता के बाद अब महासंपर्क अभियान शुरू कर रहे हैं। यूपी में उनका लगभग 1.44 लाख सदस्यों से मिलने का लक्ष्य है। इस वृहद संवाद अभियान में जो प्रश्न उनका इंतजार कर रहे हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
(1) कश्मीर में मुफ्ती की सरकार क्यों जरूरी थी? (2) स्विट्जर लैंड से जब पैसे ला नहीं सकते थे तो सौ दिन में इसे लौटाने का दावा करते क्यों घूम रहे हो, वह भी सौ दिन में! (3) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से संबधित फाइलों में ऐसे क्या राज हैं जिनके आगेे प्रचंड बहुमत वाली मोदी सरकार भी बौनी साबित हो रही है? (4) पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के अभियान के नाम पर क्यों करोडों रुपये खर्च कर विद्या बालन जैसी लोकप्रिय कलाकार का दुरुपयोग कर रहे हो। 'क्यों कि काकी को फटकारने 'और मक्खियों से बतियाने वाली इस हीरोइन को क्या मालूम कि शौंचालय में सही बने सीवर सिस्टम में पहुच सके तभी गंदगी दूर होती है अन्यथा घर में बना शौंचालय साफ रखना कितना मुश्किल होता है। बैहतर हो हीरोइन, काकी और मक्खियों के बीच होने वाले इस करोडों के खर्चीले संवाद को बन्द कर पीएम श्री नरेन्द्र मोदी देश भर के मेयरों और नगर निगमों के नगरायुक्तो या पार्षदों से सीधा संवाद करें। जेएनयूआरएम योजना को बन्द कर भाजपा सरकार ने सीवरीकरण के विस्तार को रुकवा दिया है। आगरा में ही केवल 45 प्रतिशत क्षेत्र ही सीवरीकृत है। (4) नये खुले करोडों खातों में से अस्सी प्रतिशत असंचालित क्यों हैं। कई के खुलने के बाद एक भी ट्रांजैक्शन नहीं हुआ। क्या यह हमारी माईक्रो इकनामी की जड़ता का प्रतीक नहीं है। (5) कुकिंग गैस वितरक कांग्रेस के शासन में ही एकाधिकारी जागीरदार की स्थिति मेंं थे अब और भी क्रूर हो गये हैं। तेल कंपनियां इनके विरुद्ध की गयी शिकायतों को नहीं सुनतीं। रेल को भैय्या पब्लिक की ही रहेने दो। 'प्रभु' की कृपा केवल रिजर्वेशन वालों तक ही है, दूसरे दर्जे का अनारक्षित (जनरल कोच) की बदहाली और बढी़ है। (6) मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि बढाने से ट्रेफिक की सहूलियत और प्रदूषण तो घटा नहीं आमजनता परेशानियां ही बढ गयी हैं। चौराहों के मैनेजर जहां पूर्व में सौ दो सौ में ही 'डिस्प्यूट सैटिलमेंट' कर देते थे। अब वे पांच हजार से शुरू होने वाले 'फाइन स्लैब' को दिखा कर ढाई तीन से कम पर बात नहीं करते। स्कोप और मार्जिन बढ जाने से चौराहे के 'आफीशियल मैनेजर' ईमानदार हो गये है लेनदेन की प्रोसेसिंग का सारा काम पैरासाइट प्रोक्सी सिस्टम कर रहा है।
• राजीव सक्सेना
http://www.agrasamachar.com
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