अमूल की पैकिंग
आज यानी २२/१०/१३ (22/10/13) को जब अमूल गोल्ड यानी शुद्ध फ़ुल क्रीम दूध घर में आया तो ५०० मिली के तीनों पैकिटों पर पैकिंग की तारीख २४/१०/१३ (24/10/13) छपी देखकर आश्चर्य हुआ। सच, यह भारत है यहां सब हो सकता है। कोई देखने वाला नहीं है।
चारों ओर मनमानी है। अमूल का जब मन करता है तब १-२ रुपये प्रति लि. दूध की दर बढ़ा दी जाती है। किसानों से १८-२० रुपये लि. का खरीदा गया दूध हमारे पास आते-आते ४२ रु. लि. हो जाता है- प्रोसेस व पैकिंग के कारण। जैसा कि शुद्ध दूध का दावा किया जाता है, कौन जाने हम क्या पी रहे हैं। कई बार सुनने में आया है कि खरीदे गये दूध से बेचे गये दूध की मात्रा अधिक होती है। वह अतिरिक्त दूध कहां से आया? आयातित पाउडर का बना या....। जिस देश में रोजाना हज़ारों-लाखों पशु कट रहे हों वहां दूध की मात्रा पर आज नहीं तो जल्दी ही सवाल उठेंगे। ये दूध कम्पनियां मुनाफ़े के लिए तमाम अन्य उत्पाद भी बनाती हैं।
आज यानी २२/१०/१३ (22/10/13) को जब अमूल गोल्ड यानी शुद्ध फ़ुल क्रीम दूध घर में आया तो ५०० मिली के तीनों पैकिटों पर पैकिंग की तारीख २४/१०/१३ (24/10/13) छपी देखकर आश्चर्य हुआ। सच, यह भारत है यहां सब हो सकता है। कोई देखने वाला नहीं है।
चारों ओर मनमानी है। अमूल का जब मन करता है तब १-२ रुपये प्रति लि. दूध की दर बढ़ा दी जाती है। किसानों से १८-२० रुपये लि. का खरीदा गया दूध हमारे पास आते-आते ४२ रु. लि. हो जाता है- प्रोसेस व पैकिंग के कारण। जैसा कि शुद्ध दूध का दावा किया जाता है, कौन जाने हम क्या पी रहे हैं। कई बार सुनने में आया है कि खरीदे गये दूध से बेचे गये दूध की मात्रा अधिक होती है। वह अतिरिक्त दूध कहां से आया? आयातित पाउडर का बना या....। जिस देश में रोजाना हज़ारों-लाखों पशु कट रहे हों वहां दूध की मात्रा पर आज नहीं तो जल्दी ही सवाल उठेंगे। ये दूध कम्पनियां मुनाफ़े के लिए तमाम अन्य उत्पाद भी बनाती हैं।